अगर ऐसे ही रहा तो 14 दिन बाद भारत होगा दुनिया का सातवां कोरोना प्रभावित देश
सेहतराग टीम
बीते 18 दिन में वायरस का भारत में नया गणित सामने आया है। इसके अनुसार अगर वर्तमान में हालात नहीं बदले तो 14 दिन बाद भारत दुनिया का सांतवा कोरोना प्रभवित देश होगा। यही नहीं अगले दो से तीन दिन में दुनिया के नक्शे पर भारत को उन देशों ने गिना जाएगा जो कि लाख या उससे ज्यादा संक्रमित मरीजों में शामिल हैं। कोरोना की इस नई रफ्तार पर विशेषज्ञ भी अध्ययन में जुट गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि मरीजों के दोगुने होने की दर एक बार फिर 2 दिन पर आ पहुंची है। अगर इस दर को 12 से 15 दिन के बीच भी देखा जाए तो भी 1 जून तक भारत में मरीजों की संख्या 2 लाख के करीब होगी।
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रविवार संक्रमण दर 5.34 फीसदी दर्ज की है। ठीक इसी तरह डबालिंग रेट (दोगुने होने का दर) 19 से घटकर 12 दिन पहुंची गई है। 29 अप्रैल के बाद से चार, तीन और अब हर दो दिन में 10 हजार मरीज मिल रहे हैं। अगर इस स्थिति में बदलाव नहीं होता है तो 14 दिन बाद भारत दुनिया का सातवां कोरोना प्रभावित देश होगा। यहां 1 जून तक तकरीबन 1.80 लाख से ज्यादा मरीज दर्ज किए जा सकते हैं।
इरान-तुर्की को छोड़ सकते हैं पीछे
डेट एक्सपर्ट डॉ. विपिन त्यागी का कहना है कि इरान और तुर्की से अभी कोरोना का ग्राफ लगातार डाउन है। यह दोनों देश दुनिया के सबसे प्रभावित देशों में क्रमशः दसवें और नौवें पायदान पर हैं। भारत के साथ इनकी तुलना करें तो इसी सप्ताह में भारत में नौवें या आठवें पायदान पर करीब 1.5 लाख मरीज के साथ पहुंच सकता है। अभी भारत में 91349, ईरान में 1.18 लाख और तुर्की में 1.48 लाख मरीज हैं।
नहीं पता कब गिरेगा ग्राफ
जॉन हॉपकिस युनिव्सिटी के अनुसार अमेरिका, इटली, मीन, ब्राजील, जर्मनी, भारत और कनाडा में कोरोना का ग्राफ बढ़ रहा है। इन देशों में यह ग्राफ कब नीचे की ओर जाएगा? इसके बारे में फिलहाल विशेषज्ञ भी नहीं जानकारी नहीं रखते।
हर दस लाख में 66 संक्रमित
अभी देश में प्रति 10 लाख में 1616 लोगों की जांच की जा रही है जिनमें से 66 संक्रमित मिल रहे हैं और इन 66 में से दो लोगों की संक्रमण के चलते मौत हो रही है। अब तक 22.27 लाख जाब हो चुकी है यानी एक हजार की आबादी पर करीब 1.65 जांच की जा रही है।
इसलिए देर से आएगा कोरोना पीक
डेटा एक्सपर्ट जेम्स विमान के अनुसार बीते 25 अप्रैल को प्रेस कॉन्फ्रेंस में 16 मई तक कोरोना कर्व जीरो तक पहुंचने आंकड़े पेश किए गए लेकिन इसी 16 मई को देश में सबसे ज्यादा (5409) मरीज सामने आए। पिछले सात सप्ताह के आंकड़ों पर गौर करें तो औसतन प्रतिदिन 72 से बढ़कर अब 3527 मकमित मरीज मिल रहे हैं। यह स्थिति तब तक जब 1 अप्रैल तक देश में 42788 सैंपल की जांच हुई थी जिनमें से हर 26वां सैंपल संक्रमित मिल रहा था। 1 अप्रैल से लेकर अब सात सप्ताह में जांच 22 लाख पार हो चुकी है और मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। यह आंकड़े साफ इशारा कर रहे हैं कि जांच में देरी होने कारण हम अभी भी कोरोना पीक से पीछे हैं।
29 अप्रैल के बाद से यूं बदल रहा गणित
मरीज (हजार मे) दिन
30 से 40 4
40 से 50 3
50 से 60 3
60 से 70 2
70 से 80 3
80 से 90 2
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